मौसम
देश के कई राज्य इन दिनों मौसम की बेरूखी के आगे बेबस नजर आ रहे हैं। जहां भीषण गर्मी ने लोगों का बुरा हाल कर दिया है, तो वहीं दूसरी तरफ चिलचिलाती तेज धूप के साथ गर्म लू के थपेड़ों ने भी लोगों को सताना शुरू कर दिया है। दिल्ली में तो चढ़ता पारा लगातार अपना रिकार्ड तोड़ने की कगार पर पहुंच चुका है। जिसकी वजह से लोगों का जीना दुष्वार हो गया है।
3 दिन यानी 26 मई तक कई स्थानों पर होगी बारिश
13 मौसम स्टेशनों में से 5 में सोमवार को तामपान 45 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा दर्ज किया गया तो मंगलवार को तेज धूप ने लोगों की सुबह का स्वागत किया। साथ ही कुछ हिस्सों में मंगलवार को अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस के पार जा पहुंचा। लेकिन देर शाम तक चलने वाली हवाओं ने लोगों को झुलसा देने वाली गर्मी से राहत दिलाई। दिल्ली और उत्तर पश्चिम भारत के लोगों को पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण बड़ी राहत मिलते ही अगले 3 दिन यानी 26 मई तक कई जगहों पर भारी बारिश की संभावना जताई है।
24-25 मई को हो सकती है भारी बारिश
वर्तमान समय की बात की जाए तो कई इलाकों में तापमान 40 डिग्री से ज्यादा दर्ज किया। दिल्ली और अन्य कई जगहों पर तो तापमान 45 डिग्री के पार जा पहुंचा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा आशंका जताई गई है, कि अगले कई दिनों में हल्की बारिश व तेज हवा चलते के आसार है, जिसकी वजह से आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पश्चिम भारत से टकरा रहा है। इसका प्रभाव जम्मू-कश्मीर में दिखना शुरू हो गया है। इसके साथ ही यूपी के भी कई स्थानों पर बारिश होने की संभावना है। 24-25 मई को इसका असर उत्तर पश्चिम भारत, दिल्ली-एनसीआर में दिखेगा।
अल नीनो के प्रभाव की आशंका
मौसम विभाग की माने तो इस साल मॉनसून पर अल-नीनो का प्रभाव भी दिखेगा। जो जून से शुरू हो जाएगा। प्रमुख जलवायु मॉडल जून से सितंबर के दौरान देश के कई हिस्सों में औसत से कम बारीश होने की संभावना है। अल-नीनो घटनाओं के दौरान आमतौर पर भारत में औसत मौसमी वर्षा (जून-सितंबर) कम दर्ज की जाती है।
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अभी कई हफ्ते दूर
इसी वजह से मॉनसून में केरल के शुरु होने से कुछ दिन बाद ही अन्य जिलों में पहुंचता है। मॉनसून पूर्वानुमान डेटा के विश्लेषण से संकेत मिले हैं। मॉनसून की अवधि के दौरान औसत की तुलना में 25 मिलीमीटर (मिमी) कम बारिश होगी। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून फिलहाल भारतीय उपमहाद्वीप से कुछ हफ्ते दूर है और इसके तीव्र गति में आने की कमजोर संभावना आंकी गई है।
यह भी पढ़ें-