यूपी भवन दुष्कर्म केस
राजधानी दिल्ली में स्थित यूपी भवन में महिला के साथ कथित तौर पर हुए यौन शोषण मामले में दिल्ली पुलिस ने महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यवर्धन परमार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया। इसके साथ ही कोर्ट में दिल्ली पुलिस द्वारा अभिनेत्री के बयान के बाद दर्ज की गई एफआईआर में दुष्कर्म की धारा को भी जोड़ दिया है। पुलिस द्वारा शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने अभिनेत्री द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। इससे पूर्व पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के बाद यूपी सरकार ने यूपी भवन में तैनात 3 अधिकारियों दिनेश कारुष, राकेश चौधरी और पारस को भी निलंबित कर दिया था।
दोस्त ने परमार से करवाई थी मुलाकात
दक्षिण व गुजराती की फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री ने एमपी के प्रसाद नगर थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। मामले में यूपी भवन में कि गई शिकायत को चाणक्यपुरी थाने में भेजा गया था। इसमें लिखा गया था कि वह हरदोई में एक दोस्त के कहने पर राज्यवर्धन सिंह परमार से मिली। राज्यवर्धन ने भाजपा के बड़े नेता को अपना ताऊ बताया था। आरोपी पीड़िता को यह कह कर 26 मई को यूपी भवन ले गया कि वहां एक राष्ट्रीय पार्टी के 2 बड़े नेता हैं जिनसे उसकी मुलाकात करवाई जाएगी। इस दौरान जब वह यूपी भवन के कमरा नंबर 122 में पहुंची तो वहां कोई था ही नहीं। इसके बाद आरोपी ने उसका यौन उत्पीड़न किया। प्राथमिकी दर्ज होने पर आरोपी परिवार के साथ भाग गया था। पुलिस को उसकी मोबाइल लोकेशन मध्यप्रदेश में मिली थी। इसमें यह पता लगा कि परमार परिवार समेत महाकाल मंदिर में छिपा है, जहां से उसे गिरफ्तार किया गया था।
यूपी भवन के कमरा नंबर 122 को पुलिस ने कर दिया सील
चाणक्यपुरी पुलिस केस दर्ज कर जांच शुरू की। इसके साथा ही यूपी भवन के कमरा नंबर 122 को भी सील कर दिया गया। पुलिस को शुरुआती जांच में रिसेप्शन पर तैनात पारस नाथ और राकेश सिंह पर संदेह हुआ है। इसके साथ ही परमार को कमरा देने के आधार पर इन दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा अधिकारी दिनेश कुमार को भी सस्पेंड किय गया है। मामले में CM YOGI ने संज्ञान लिया तो घटना की जानकारी होने के बाद 3 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
सीएम योगी ने लिया एक्शन
जानकारी के हिसाब से सीएम योगी ने जिन 3 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है उनमें व्यवस्था अधिकारी दिनेश कारूष, राकेश चौधरी और पारस को एक मामले में सस्पेंड किया है। वहीं दूसरी तरफ यूपी भवन के आरसी और एआरसी पर भी कार्रवाई हो सकती है। मामले में सीएम और राज्यपाल की तरफ से कार्रवाई किए जाने के बाद राजीव तिवारी को यूपी भवन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
2 नेताओं से मिलवाने के बहाने दुष्कर्म को दिया अंजाम
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली व मुंबई में रहने वाली अभिनेत्री द्वारा चाणक्यपुरी थाना पुलिस ने 27 मई को शिकायत दर्ज की थी। उसने शिकायत करते हुए कहा कि 2 नेताओं से मिलाने की बात कहकर राज्यवर्धन सिंह उसे यूपी भवन लाए। वहां स्वागत पटल पर राकेश चौधरी और पारस मौजूद थे। इन लोगों ने आरोपी को कमरा उपलब्ध करवाया। बता दें कि आरोपी राज्यवर्धन सिंह परमार उन लोगों की सूची शामिल नहीं है, जिन्हें यूपी भवन में कमरा आवंटित किया जाना था। आरोपी व पीड़िता 26 मई को 1.05 बजे कमरे में गए। 27 मई की शाम को युवती ने परमार के खिलाफ थाने एफआईआर दर्ज करवाते हुए उसके साथ जबरदस्ती यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया। फिलहाल पुलिस कमरे को सील कर सबूत जुटाने में लगी है।
अधिकारियों को किया गया निलंबित
दिल्ली पुलिस अधिकारियों की माने तो दुष्कर्म की इस घटना के बाद व्यवस्था अधिकारी और स्वागत पटल पर मौजूद राकेश चौधरी व पारस नाथ को निलंबित करते हुए जांच के आदेश दिए गए हैं। यूपी के सीएम के मुख्य सचिव एसपी गोयल ने भी निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए हैं। जिसमें लिखा था कि 26 मई को राज्यवर्धन सिंह परमार को गलत तरीके से इन लोगों ने कमरा दिया है।
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