Delhi Metro: 74 लाख यात्रियों ने की पेपर टिकट से यात्रा, जल्द खत्म हो जाएगी टोकन सेवा


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By MADHVI TANWAR Posted on: 05/06/2023

दिल्ली मेट्रो प्रशासन इन दिनों टोकन सिस्टम को खत्म करने की और तेजी से आगे बढ़ रही है। शुरूआती 1 महीने से भी कम समय में मेट्रों सफर के दौरान 74 लाख से ज्यादा क्यूआर कोड आधारित पेपर टिकट की बिक्री हुई है। मई में इस सेवा को शुरू किया गया। जिसके बाद टोकन की बिक्री 30 प्रतिशत तक कम हो गई है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने 8 मई से क्यूआर कोड-आधारित पेपर टिकट की शुरूआत की थी। यात्रियों के लिए टिकटिंग सिस्टम को और ज्यादा पारदर्शी बनाने व मानवीय हस्तक्षेप को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना गया है। अधिकारियों की माने तो डीएमआरसी का प्रयास है कि धीरे-धीरे टोकन की बिक्री को बंद कर दिया जाएगा। 

टोकन की खरीदारी में कमी

डीएमआरसी अधिकारियों की माने तो सेवा के शुरूआत के बाद यात्रियों ने टोकन खरीदना कम कर दिया है। क्यूआर कोड आधारित पेपर टिकटों का इस्तेमाल करने में यात्रियों की तरफ से कुछ एएफसी गेट पर तकनीकी परेशानी की शिकायतें भी सामने आई हैं। इसे दुरुस्त करने के बाद ऐसे टिकट की बिक्री में बढ़ोतरी होने की आशंका जताई जा रही है। 

जून के अंत तक सभी स्टेशनों पर उपलब्ध होगी सुविधा 

मेट्रो यात्रियों को नेटवर्क पर निर्बाध सफर करने का मौका देने के लिए डीएमआरसी की तरफ से स्मार्ट कार्ड जारी किया गया है। अधिकारियों की माने तो जून के आखिरी तक नेटवर्क के सभी स्टेशनों को क्यूआर कोड आधारित टिकट के लिए तैयार किया जाएगा। दिल्ली मेट्रो ने दिसंबर 2002 में रेड लाइन के 6 स्टेशनों के बीच 8.2 किमी के कॉरिडोर पर सफर की शुरुआत की थी। विस्तार के बाद 286 स्टेशनों के साथ नेटवर्क बढ़कर 391 किमी का हो गया है। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी ने दिल्ली मेट्रो के पहले कॉरिडोर पर सेवा शुरुआत की थी। इसके अगले दिन यात्रियों की भीड़ इतनी बढ़ गई कि इसे काबू करने के लिए पेपर टिकट जारी करना पड़ा।
 
बंद होंगे टोकन

कोविड-19 महामारी के दौरान यात्रा में सोशल डिस्टेसिंग और संपर्क रहित सेवा को देखते हुए टोकन की बिक्री बंद करने की दिशा में पहल की गई। दिल्ली मेट्रो के टोकन में अंग्रेजी और हिन्दी में ‘दिल्ली मेट्रो’लिखा होने के साथ दूसरी तरफ कुतुब मीनार की एक तस्वीर भी बनी हुई है। इसमें इस्तेमाल की जाने वाली चिप विदेश से खरीदी गई है। एक टोकन की कीमत करीब बनाने की लागत करीब 16 रुपये है। उत्पादन एक टोकन की तुलना में क्यूआर-कोड-आधारित पेपर टिकट की कीमत बहुत मामूली है। डीएमआरसी ने 8 मई को जारी एक बयान में कहा कि मेट्रो में टोकन की बिक्री धीरे धीरे खत्म हो जाएगी।

जनकपुरी पश्चिम–आर के आश्रम कॉरिडोर पर 4 किमी में तैयार हुआ वायाडक्ट

दिल्ली मेट्रो फेज-4 के जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कॉरिडोर पर मजलिस पार्क से मुकरबा चौक के बीच 4 किलोमीटर के दायरे में वायाडक्ट निर्माण का काम पूरा हो चुका है। भलस्वा और मजलिस पार्क स्टेशन को जोड़ने वाले इस हिस्से का निर्माण होने के 3 साल के अंदर मेट्रो सेवाओं की शुरूआत हो जाएगी। ट्रैक बिछाने के साथ अन्य कामों की शुरूआत होगी। 

हैदरपुर बादली तक वायाडक्ट की संरचना 

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने बताया कि एलिवेटेड वायाडक्ट तैयार कर ट्रैक बिछाने व ओवरहेड तार लगाने का काम शुरू किया जाएगा। साथ ही, कॉरिडोर के हैदरपुर बादली तक वायाडक्ट की संरचना का निर्माण भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा। रेलवे ट्रैक के ऊपर एक क्रॉसिंग बची होने की वजह से निर्माण में थोड़ी देरी हुई। कॉरिडोर का निर्माण कार्य मार्च 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा।