देशभर में आज लोग मना रहे निर्जला एकादशी, जाने नियम और पानी पीने का शुभ महुर्त


निर्जला एकादशी

निर्जला एकादशी



By sakshi dubey Posted on: 31/05/2023

निर्जला एकादशी भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इस व्रत को किया जाता है, अगर आप बाकी व्रत ना करके इस व्रत को रखते है तो काफी शुभ माना जाता है। ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि को निर्जला एकादशी मनाई जाती है  पूरे महीने में कुल दो एकादशी होती है, जबकि साल में 24 एकादशी मनाई जाती है। इसे भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के सभी हिस्सों में इसका अपना एक अलग महत्व है। आज के दिन छोटी कन्याओं को शरबत के साथ दान देने की प्रथा चली आ रही है। 

निर्जला एकादशी के नियम

निर्जला एकादशी व्रत का अर्थ है कि पूरी दिन बिना जल के रहना होता है,  यह व्रत बिना जल और भोजन के किया जाता है। महीने की सभी एकादशियों में निर्जला एकादशी को सबसे कठिन माना जाता है और इस व्रत की नियमवाली भी बड़ी कठिन होती है। व्रत रखने वाला व्यक्ति जल, अन्न और फल किसी तरह का कोई सेवन नहीं करता है। महुर्त निकलने पर ही सेवन करना होता है।  

निर्जला एकादशी पर भूल से भी न करें ये काम

  • निर्जला एकादशी के दिन देर तक न सोएं और सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर स्‍नान करें और पूजा पाठ करके अपनी दिनचर्या आरंभ करें।
  • निर्जला एकादशी के दिन भूलकर भी काले रंग के वस्‍त्र न पहनें। इस दिन पीले रंग के वस्‍त्र पहनना शुभ होता है। यहां तक कि जो लोग व्रत नहीं करते हैं उन्‍हें भी इस दिन काले वस्‍त्र नहीं प‍हनने चाहिए।
  • निर्जला एकादशी के दिन बाल कटवाना, शेविंग करवाना और नाखून काटना भी वर्जित माना गया है।
  • निर्जला एकादशी के दिन प्‍याज लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आपके घर में कोई व्रत नहीं भी है तो भी प्‍याज लहसुन का प्रयोग न करें। मान्‍यता है कि निर्जला एकादशी के दिन इन नियमों का जो पालन करता है उन पर विष्‍णुजी की कृपा बनी रहती है और सदा सुखी और संपन्‍न रहने का आशीर्वाद प्राप्‍त होता है।

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