दिल्ली की सड़कों पर चला रहे दोपहिया वाहन, तब हो जाएँ सावधान


चाईनीज मांझा : फ़ाइल फ़ोटो

चाईनीज मांझा : फ़ाइल फ़ोटो



By 0 Posted on: 13/08/2022

दिल्ली की सड़कों पर चला रहे हैं दोपहिया वाहन तब हो जाएँ सावधान, अगर आप नहीं हुए सावधान तब हो सकते हैं मौत का शिकार। जी हाँ; आपको बता दें दिल्ली की सड़कों पर लगातार लोग चीनी मांझे की चपेट में आ रहे हैं और मौत का शिकार हो रहे हैं। अभी हाल ही में बृहस्पतिवार को शास्त्री पार्क में कारोबारी विपिन कुमार की चीनी मांझे से गर्दन कट गई और उनकी दर्दनाक मौत हो गई। अभी पिछले दिनों बदरपुर के पास बाइक सवार डिलीवरी ब्वॉय के पैरों में मांझा फंसने से वह हादसे का शिकार हो गया था और उस हादसे में उसकी जान चली गई थी।

2017 में लग गया था प्रतिबन्ध

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2017 में एनजीटी के आदेश के बाद चीनी मांझे पर प्रतिबंध लगा दिया गया था जिसके बाद से लगातार पुलिस चीनी मांझा बेचने वालों पर कार्रवाई कर रही है। वर्ष 2017 से 31 जुलाई 2022 के बीच पुलिस ने चीनी मांझे के मामले में कुल 256 एफआईआर दर्ज की हैं जिसमें 14 हादसों की और बाकी चीनी मांझे का धंधा करने वालों के खिलाफ की हैं। सूत्रों की मानें तब चीनी मांझे का धंधा करने वाले ज्यादातर लोग लाचार कानून व्यवस्था का फायदा उठाते हैं। आपको बता दें की पुलिस चीनी मांझा बेचने वालों के खिलाफ सरकारी आदेश के उल्लंघन (धारा-188) का मामला दर्ज करती है। इन मामलों में आरोपियों पर बेहद कम जुर्माना लगाकर उनको छोड़ दिया जाता है। जिस वजह से यह लोग दोबारा उसी धंधे को शुरू कर देते हैं।

इंसानों के साथ बेजुबान परिंदे भी होते हैं शिकार 

ऐसा नहीं है की चीनी मांझे या यूँ कहिए मौत के मांझे का शिकार इंसान ही नहीं बल्कि बेजुबान परिंदे भी होते हैं। यह बेजुबान परिंदे मांझे का शिकार होकर या तो मर जाते हैं या फिर दमकल विभाग व एनजीओ इनकी जान बचाते हैं। जुलाई 2022 की बात करें तब दमकल विभाग के पास पक्षियों को बचाने की 318 कॉल आईं, अगर बात करें वर्ष 2021 के आंकड़ों की तब  जुलाई में 445, अगस्त में 909 और सितंबर में 714 थे।

व्यापारियों में नहीं हैं कानून का खौफ

वर्ष 2017 में एनजीटी ने चीनी मांझे पर पाबंदी लगा दी थी। इसके बाद कहा गया था कि चीनी मांझा बेचने वालों के खिलाफ एनवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट (पर्यावरण संरक्षण अधिनियम) के तहत कार्रवाई की जाए। आपको बता दें कि यदि किसी व्यक्ति के खिलाफ इस अधिनियम के तहत कार्रवाई होती है तब उसे पांच साल की सजा या एक लाख रूपए का जुर्माना हो सकता है। वर्ष 2017 से चीनी मांझे पर पाबंदी के बाद दिल्ली पुलिस ने 256 में से महज छह ही मामले पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत दर्ज किए हैं।

Edited By: Ekagra Gupta