Budget 2023- हरियाणा की दशा बदलेगा स्टार्टअप कोष, बजट में हरियाणा कृषि को केंद्र सरकार का उपहार


हरियाणा की दशा बदलेगा स्टार्टअप कोष

हरियाणा की दशा बदलेगा स्टार्टअप कोष



By शुभम पाठक Posted on: 02/02/2023

बजट 2023 में खेती-बाड़ी से संबंधित योजना को लेकर हरियाणा राज्य को केंद्र का उपहार मिलता हुआ दिख रहा है। केंद्र सरकार ने खेती-बाड़ी के विकास के लिए आम बजट में कृषि कोष का गठन करने की घोषणा की है। तो वही युवाओं को ध्यान में रखते हुए कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए कृषि कोष भी स्थापित किया जाएगा। बता दें कि नई तकनीकों का प्रयोग कर आधुनिक कृषि में देश को राह दिखा रहे हरियाणा का केंद्रीय पूल में खाद्यान्न मामले में 15 प्रतिशत से अधिक का योगदान है। इसके साथ साथ विशेषज्ञों का कहना है कि अलग से कोष का गठन करने से हरियाणा की कृषि की हालत सुधरेगी और प्रदेश को इसका ज्यादा लाभ मिलेगा। वहीं स्टार्टअप में किसान अपने उत्पाद खुद बेचेंगे तो न केवल उन्हें बल्कि उपभोक्ताओं को भी लाभ होगा।

स्टार्टअप हरियाणा के किसानों के लिए अवसर

बजट के बाद कृषि विज्ञानी डॉ. रमेश वर्मा ने कहा कि कृषि में मुख्य समस्या मार्केटिंग की है। इसी लिए स्टार्टअप में यदि किसानों को बाजार का रास्ता मिल जाएगा तो किसानों का लाभ कई गुना अतरिक्त बढ़ा जाएगा। इसके साथ साथ  उपभोक्ताओं को कम कीमत पर कृषि उत्पाद मिलेगा। अगर किसान स्टार्टअप बनाकर अपने उत्पाद को खुद बेचेगा तो उससे किसान ज्यादा से ज्यादा लाभ अर्जित कर पाएगा। बता दें कि FPO इसी योजना का एक अच्छा उदाहरण है।

जानिए बजट में कि गई महत्वपूर्ण घोषणा

वैसे तो  बजट 2023 में किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं है लेकिन इसमें पहली महत्वपूर्ण घोषणा ये है कि अगले तीन साल तक एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती में मदद दी जाएगी। इसके साथ ही दस हजार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर बनाने की भी घोषणा की गई है। कहा ये जा रहा है कि  इन घोषणाओं से हरियाणा के किसानों की दशा बेहतर हो जाएगी।

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कृषि उपनिदेशक  डॉ कर्मचंद ने बताया कि गेहूं और चावल की पैदावार में हरियाणा आगे है। वहीं बासमती चावल निर्यात में हरियाणा राज्य देश में नंबर वन स्थान पर है। उन्होंने बताया कि हरियाणा ने पिछले साल 44 लाख 40 हजार टन चावल की पैदावार की थी। इसी प्रकार 11 लाख 23 हजार टन बाजरे, एक करोड़ 17 लाख 80 हजार टन गेहूं, 84 लाख 50 हजार टन गन्ने का व 26 लाख 20 हजार कपास की गांठों उत्पादन किया है।

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