COVID
यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के शोधकर्ताओं ने एक शोध किया जिसमे अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक किए गए पोस्टमार्टम के नमूनों का परीक्षण किया गया, जिसके अंदर उन्होंने 11 संक्रमित लोगो में मस्तिष्क सहित तंत्रिका तंत्र के व्यापक नमूने लिए, जिस के बाद शोधकर्ताओं ने पाया की सभी मरीजों की कोविड-19 से मौत हुई थी और किसी को भी कोविड-19 का टीका नहीं लगाया गया था। कोविड-19 के कारण मरने वाले लोगों के शवों के ऊतकों के नमूनों के विश्लेषण में इसका खुलासा हुआ की परीक्षण के दौरान 38 रोगियों के खून में प्लाज्मा और सार्स-सीओवी-2 के संक्रमण की पुष्टि हुई।, इनमें से तीन संक्रमित ऐसे थे जिन्हें प्लाज्मा चढ़ाया गया था और अन्य तीन को कोई प्लाज्मा नहीं दिया गया था, जिसके बाद शोधकर्ताओं ने बताया कि कोरोना का सार्स-कोव-2 वायरस मस्तिष्क सहित पूरे शरीर में फैलता है और लगभग आठ महीने तक रहता है, जिसके कारण संक्रमित होने के बाद स्वस्थ्य हुए लोग फिर से बीमार पड़ जाते है।
अधिक बीमारी वाली महिलाएं को ज्यादा खतरा
शोधकर्ताओं ने शोध के बाद ये खुलासा करते हुए ये कहां कि पीछली बार की महामारी में लगभग 30 प्रतिशत रोगी महिलाएं पाई गई थीं जिनकी औसत आयु 62 वर्ष थी, वहीं 61 पतिशत मरीजों को तीन से अधिक अन्य बीमारियां थीं, इन शवों में संक्रमण लक्षण शुरू होने से मृत्यु तक का औसत अंतराल लगभग 18 दिन था, जर्नल नेचर में प्रकाशित अध्ययन से पता चला है कि कोविड-19 मुख्य रूप से वायुमार्ग और फेफड़ों के ऊतकों को संक्रमित और क्षतिग्रस्त करता है।
शरीर के 84 अलग-अलग हिस्सों में आरएनए मिला
बता दे कि शोधकर्ताओं को शरीर के 84 अलग-अलग जगहों में आरएनए भी मिला है, शोध के दौरान शोधकर्ताओं ने एक मरीज के हाइपोथैलेमस और सेरिबैलम में और दो अन्य रोगियों की रीढ़ की हड्डी और बेसल गैन्ग्लिया में सार्स-सीओवी-2 आरएनए और प्रोटीन का पता लगाया है, शोधकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन में मस्तिष्क के ऊतकों को शरीर के अन्य अंगों की तुलना में बहुत कम नुकसान हुआ है।