Supreme Court- सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने का निर्णय, प्रधानमंत्री मोदी ने की फैसले की प्रशंसा


सुप्रीम कोर्ट  के फैसलों को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने का निर्णय

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By शुभम पाठक Posted on: 23/01/2023

सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध करने के इस फैसलें पर प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड की सराहना की है। मोदी ने ट्वीट कर कहा कि भारत में कई भाषाएं हैं जो हमारी सांस्कृतिक जीवंतता को जोड़ती हैं। केंद्र सरकार भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रयास कर रही है, जिसमें इंजीनियरिंग और चिकित्सा जैसे विषयों को अपनी मातृ भाषा में पढ़ने का विकल्प शामिल है। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के फोकस की भी  सराहना करते हुए कहा कि हाल में एक कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने की दिशा में काम करने की बात कही। उन्होंने इसके लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग का भी सुझाव दिया। यह एक प्रशंसनीय विचार है, जो कई लोगों की मदद करेगा।

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देश के हर नागरिक को न्याय मिले यहीं प्रयास है

सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की प्रति अब जल्द ही हिंदी के अतरिक्त देश की और भी भाषाओं में उपलब्ध कराई जाएगी। जिससे लोगों को अपनी भाषा में अदालत के फैसले की जानकारी मिल सकेगी। बता दें कि देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड ने शनिवार को बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा की ओर से मुंबई के दादर स्थित योगी सभागृह में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह घोषणा की। साथ ही मुख्य न्यायाधीश ने ये भी कहा कि देश के अंतिम व्यक्ति को सस्ते में व तेजी से न्याय मिले, इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। जब तक हमारे देश के नागरिक को उस भाषा में अदालत के फैसले की जानकारी नहीं मिलेगी जिस भाषा को वह समझता है तब तक न्याय व्यवस्था की सार्थकता साबित नहीं होगी।

जानिए पूरी कहानी

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से सुप्रीम कोर्ट के फैसले हर भाषा में उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य शुरु  हो गया है। व्यवस्था हमेशा लोगों के फायदे को देखते हुए बनाया जाता है। इसलिए व्यवस्था व्यक्ति के ऊपर नहीं हो सकती है। मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने अदालत की कार्यवाही के सीधे प्रसारण पर भी जोर दिया और कहा, मेरा मिशन है कि न्यायालय कागज रहित और तकनीक सुगम बने। उन्होंने न्यायपालिका में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ने की सराहना करते हुए युवा व नए वकीलों को ज्यादा अवसर देने पर जोर दिया। कहा कि मैं रोजाना आधे घंटे युवा वकीलों को सुनता हूं। इससे देश की नब्ज की जानकारी मिलती है।

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