Somvati Amavasya 2023
सोमवती अमावस्या 20 फरवरी यानि कल के दिन मनाई जाएगी. इस दिन भोलेनाथ और माता पार्वती की अराधना करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं. इस दिन सुहागिन महिलाएं भी अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रख पीपल के पेड़ की पूजा-अर्चना करती हैं. जिससे अखंड सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है.
अमावस्या पर पीपल पूजा की विशेषता
पीपल के पेड़ में त्रिदेव निवास करते हैं.
इस दिन जड़ में जल और दूध अर्पित करना चाहिए। इसके बाद फूल, अक्षत, चंदन आदि से पूजा-अर्चना करनी चाहिए.
पीपल के पेड़ की 108 बार परिक्रमा धागे से करें.
पीपल के पेड़ के समक्ष दीपक जलाएं.
इसके बाद किसी जरुरतमंद को दान जरूर करें.
इन सभी नियमों का पालन करने से पितृ दोष, गृह दोष और शनि दोष से छुटकारा मिलता है, साथ ही परिवार में शांति का माहौल बना रहता है.
सोमवती अमावस्या पर ऐसे करें पूजा
इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नहा लें.
इस दिन पवित्र नदी में स्नान व सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए.
सोमवती अमावस्या के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व माना गया है. इसलिए गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए.
अगर आप स्नान करने के लिए बाहर नहीं जा सकते हैं, तो घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल मिला लें.
भगवान शिव और माता पार्वती की मन लगाकर अराधना करें.
सोमवती अमावस्या के दिन सुहागिन महिलाओं को पीपल के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए.
सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शंकर की विधि विधान से पूजा की जाती है, ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा करने से चंद्रमा मजबूत हो जाता है.
इस दिन गायत्री मंत्र का मन लगाकर जाप करना चाहिए.
पितरों का तर्पण कर मोक्ष की कामना करें.
इस दिन पूजा-पाठ के बाद किसी गरीब या जरूरतमंद को भोजन और कपड़ों का दान जरूर करें.
इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए.
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