Adani group- अडानी समूह को उत्तर-प्रदेश विद्युत वितरण निगम से  मिला झटका, जानिए पूरी खबर


अडानी समूह को उत्तर-प्रदेश विद्युत वितरण निगम से  मिला झटका

Gautam Adani



By शुभम पाठक Posted on: 06/02/2023

अडानी समूह के लिए मानों ये साल एक अभिशाप के तौर पर है । इस वर्ष अडानी समुह पर हिंडनबर्ग के रिपोर्ट से लगे वैश्विक झटकों के बीच, उत्तर प्रदेश में भी जोरदार झटका लगा है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने कंपनी का स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का टेंडर निरस्त कर दिया है। बता दें कि इसकी लागत लगभग 5400 करोड़ है। कारण पता करने पर ये पता चला कि टेंडर की दर अनुमानित लागत से करीब 48 से 65 प्रतिशत अधिक थी, जिसके चलते इसका शुरूआत से ही  विरोध हो रहा था। अब पश्चिमांचल, पूर्वांचल, दक्षिणांचल और डिस्कॉम के टेंडर पर भी नजरें टिकी हुई हैं। वैसे दक्षिणांचल में भी अडानी समूह का टेंडर है।

अडानी समूह से टेंडर निरस्त करना जायज- अवधेश कुमार

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मध्यांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा टेंडर निरस्त करने को जायज ठहराते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताते हुए कहा कि उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ने दिया गया। बता दें कि परिषद ने पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन से महंगे टेंडर के जरिए उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार नहीं डालने की अपील की है। सुनवाई नहीं होने पर नियामक आयोग में याचिका दाखिल करने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी अपील की थी।

जानिए पूरी खबर

मिली जानकारी के अनुसार उत्तर-प्रदेश में लगभग 2.5 करोड़ प्रीपेट स्मार्ट मीटर लगने हैं। इनके लिए 25 हजार करोड़ के टेंडर हुए हैं। इसमें मैसर्स अडानी पावर ट्रांसमिशन के अलावा जीएमआर व इनटेली स्मार्ट कंपनी ने टेंडर का पार्ट दो भी हासिल किया था। अडानी ग्रुप को कार्य करने का आदेश जारी होने ही वाला था, लेकिन इनके टेंडर की दर को लेकर विरोध होने लगा। टेंडर के प्रस्ताव के मुताबिक, हर मीटर की कीमत करीब नौ से 10 हजार रुपया पड़ रही थी। जबकि अनुमानित लागत छह हजार रुपये प्रति मीटर है। इस मामले में यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने प्रति मीटर अधिक मूल्य होने के मामले में ऊर्जा मंत्रालय से सलाह ली, लेकिन वहां से फैसला कॉरपोरेशन पर ही छोड़ दिया गया। इस बीच उपभोक्ता परिषद ने महंगा मीटर लगाकर उपभोक्ताओं पर भार डालने का आरोप लगाया और मामले में मुख्यमंत्री से शिकायत की। परिषद ने नियामक आयोग में याचिका भी दायर कर दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता (वित्त) अशोक कुमार ने अडानी समूह का टेंडर निरस्त कर दिया है। अब अन्य वितरण निगम और डिस्कॉम पर निगाह लगी हुई है। अधीक्षण अभियंता ने बताया कि तकनीकी कारणों से टेंडर निरस्त किया गया है। इसका विस्तृत विवरण दस्तावेज देखने के बाद बता पाएंगे।

ये भी पढ़े