ज्ञानवापी केस और हाईकोर्ट: श्रृंगार गौरी समेत अन्य देवी-देवताओं की नियमित पूजा मामले में फैसला


ज्ञानवापी केस

ज्ञानवापी केस



By MADHVI TANWAR Posted on: 31/05/2023

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी समेत अन्य देवी देवताओं की नियमित पूजा करने के मामले में बुधवार यानी की आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर पहले से ही सुनवाई कर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। ज्ञानवापी स्थित शृंगार गौरी की नियमित पूजा के अधिकार मामले को लेकर दोनों पक्षों में लंबी बहस के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी, वाराणसी की तरफ से दायर पुनरीक्षण याचिका को लेकर दिया था। राखी सिंह तथा 9 अन्य महिलाओं ने पूजा के अधिकार को लेकर वाराणसी की जिला कोर्ट में सिविल वाद दायर करने को लेकर दिया है। 

प्लेसेस आफ वर्शिप एक्ट 1991 में उलबंधों के अंतर्गत वाद सुनने का अधिकार न देने की बात

अदालत ने कमेटी की अर्जी खारिज करते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी, वाराणसी ने वाद की पोषणीयता पर आपत्ति जताते हुए अर्जी दायर की जिसमें कोर्ट को प्लेसेस आफ वर्शिप एक्ट 1991 के उपबंधों के अंतर्गत कोर्ट को वाद सुनने का अधिकार न देने की बात कही है। याची की तरफ से आला अधिकारी एसएफए नकवी, जहीर असगर, फातिमा अंजुम तथा विपक्षियों की ओर से अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु जैन, प्रदीप शर्मा, सौरभ तिवारी, प्रभाष पांडेय, विनीत संकल्प, अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी, मुख्य स्थायी अधिवक्ता बिपिन बिहारी पांडेय ने बहस की। 

यह नियमित पूजा की मिलनी चाहिए इज्जात

याची के वकील नकवी ने तर्क दिया था कि उपासना स्थल अधिनियम के तहत नियमित पूजा प्रतिबंधित है क्योंकि, पूजा से स्थल की धार्मिक प्रकृति के साथ छेड़छाड़ की जाएगी। जो कानूनी तौर पर सही नहीं है। इसलिए यहां नियमित पूजा की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए। 

यह भी पढ़ें- 

अधिकारियों को CM YOGI का निर्देश, 15 जून तक पूरी कर लें बाढ़ प्रबंधन की तैयारियां 

Water Taxi : काशी से लॉन्च होगी देश की पहली हाइड्रोजन वाटर टैक्सी, 15 अगस्त से होगी संचालित