ज्ञानवापी परिसर का सर्वे करने पहुंची ASI की टीम
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण आज यानी की शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करेगा। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने की अनुमति दे दी। मिली जानकारी के अनुसार, ज्ञानवापी मामले पर हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बीते कल एएसआई को सर्वेक्षण करने की अनुमति दी। एएसआई और जिला प्रशासन ने सभी तैयारियां कर ली हैं। हम भी वहां जा रहे हैं।एएसआई का सर्वेक्षण इतिहास रचने की दिशा में एक कदम है।
ज्ञानवापी परिसर के आसपास बढ़ी सुरक्षा
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील सुधीर त्रिपाठी का कहना है कि एएसाआई केवल यह बता सकता है कि सर्वेक्षण पूरा करने में कितने दिन लगेंगे। अयोध्या में राम मंदिर का सर्वेक्षण पूरा करने में 7-8 महीने लग गए। इस बीच ज्ञानवापी परिसर के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है क्योंकि एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) आज ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करेगा।
HC ने ASI सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति की याचिका खारिज
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे मस्जिद परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति की याचिका खारिज कर दी। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने वाराणसी जिला न्यायाधीश के 21 जुलाई के आदेश को चुनौती दी थी। 21 जुलाई को वाराणसी जिला न्यायाधीश एके विश्वेशा ने 16 मई 2023 को 4 हिंदू महिलाओं द्वारा दायर एक आवेदन पर ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वेक्षण का आदेश दिया।
क्या वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित मस्जिद एक मंदिर के ऊपर बनाई गई थी?
दरअसल, जिला न्यायाधीश के आदेश ने परिसर के वुज़ू खाना (स्नान तालाब क्षेत्र) को बाहर कर दिया है। जिसे शीर्ष अदालत के आदेश पर सील कर दिया गया है। इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण शुरू नहीं करने के लिए कहा था क्योंकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एएसआई द्वारा विस्तृत वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर 26 जुलाई शाम 5 बजे तक रोक लगाने के बाद मामले पर सुनवाई चल रही थी। यह निर्धारित करने के लिए कि क्या वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित मस्जिद एक मंदिर के ऊपर बनाई गई थी।