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जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने मथुरा श्रीकृष्ण जन्म भूमि मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा सभी मामलों को सुनवाई के लिए हाई कोर्ट को ट्रांसफर करने के आदेश के खिलाफ दाखिल शाही ईदगाह कमेटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगर ऐसे मामले जो एक नेचर के सूट हो उन्हें एक साथ सुना जा सकता है।
हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई
दरअसल, आगे उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी याचिकाएं दाखिल की गई थी। सभी याचिकाओं को का नेचर एक जैसी ही थी। इसीलिए हाई कोर्ट ने सबको एक साथ जोड़कर सुनवाई के लिए अपने पास ट्रांसफर कर लिया। कोर्ट ने आगे कहा कि इस तरह के मामलों को जितनी जल्दी निपटारा हो वो बेहतर होगा और अगर हाई कोर्ट के स्तर पर इन याचिकाओं का निपटारा होता है तो वो बेहतर होगा। जस्टिस कौल ने पूछा इस मामले में कुल कितने याचिकाएं दाखिल की गई है?
इलाहबाद हाईकोर्ट में मामले की होगी सुनवाई
हालाकि कोर्ट ने य़ह भी कहा कि ऐसे मामले अगर लंबे समय तक चले तो असंतोष या बेचैनी होना स्वाभाविक है। अगर हाईकोर्ट ही ऐसे संवेदनशील और पेचीदा मामलों का निपटारा करे तो बेहतर है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान य़ह संकेत दिया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ही मामले को सुने। कोर्ट ने कहा कि हम पहले य़ह देखेगे की मामले में कितने सूट दाखिल किए गए है। आगे कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के रजिस्टार इस मामले में दाखिल सभी याचिकाओं की जानकारी कोर्ट को दे।
सुप्रीम कोर्ट 3 हफ्ते बाद मामले की सुनवाई करेगी
मामले में मस्जिद इंतजामिया की वकील ने इतिहास में हुए समझौते का हवाला देते हुए कहा कि समझौते के बावजूद किसी को अर्जी दाखिल करने से रोका नहीं जा सकता। वही य़ह भी दलील की इलाहाबाद या लखनऊ जाना हर याचिकाकर्ता के लिए मुमकिन भी नहीं। मथुरा में ही मुकदमा सुना जाए यहि उचित होगा।
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