Akhilesh Yadav
समाजवादी पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी एवं फ्रंटल संगठनों में कई अहम परिवर्तन दिखाई देंगे। कार्यकारिणी में सदस्यों की संख्या भी बढ़ जाएगी। पार्टी की नीतियों को लेकर लगातार संघर्षशील रहने वाले नेताओं को अहम जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। फ्रंटल संगठनों के पदाधिकारियों की जिम्मेदारी में भी परिवर्तन की तैयारी की जा रही है। इसे लेकर दो दौर की कसरत की जा चुकी हैं। साथ ही कुछ नए नामों पर विचार हो रहा है।
प्रदेश कार्यकारिणी में दिखाई देगा प्रतिवर्तन
समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भले ही कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ, लेकिन प्रदेश कार्यकारिणी में प्रतिवर्तन दिखाई देगा। इसमें राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव की भी छाप दिखाई पड़ेगी। शिवपाल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले कुछ चेहरों को प्रदेश कार्यकारिणी में जगह प्राप्त होनी है। संबंधित नाम पर विचार विमर्श किया जा रहा है। पिछली प्रदेश कार्यकारिणी में प्रमुख महासचिव के अलावा दो महासचिव बनाए थे। इस बार पांच महासचिव पर विचार किया जा रहा है। इसी तरह सचिव पद भी बढ़ाया जा सकता है।
फ्रंटल संगठनों में नए चेहरों को मिलेगा तवज्जो
राष्ट्रीय एवं प्रदेश के फ्रंटल संगठनों में खासतौर से परिवर्तन दिखाई पड़ेगा। इस बार अलग-अलग संगठन में पश्चिम, पूरब, मध्य और बुंदेलखंड के नेताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी। महिला सभा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी वाराणसी की रीबू श्रीवास्तव को दी गई है। ऐसे में पूर्वांचल से बस्ती, देवरिया या गोरखपुर के नेता को किसी फ्रंटल संगठन की जिम्मेदारी देने पर विचार किया जा रहा है। युवजन सभा, छात्रसभा, यूथ ब्रिगेड, लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय एवं प्रदेश अध्यक्षों में कुछ की जिम्मेदारी बदल जाएगी। कुछ पर पार्टी द्वारा दोबारा दांव लगाया जाएगा।
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