UTTAR PARDESH
आज के समय में साइबर क्राइम की घटनाएं लगातर बढ़ रही हैं। साइबर अपराधी रकम को दोगुना करने का लालच देकर मासूम लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं। लोग भी पैसे देकर आसानी से ठगी का शिकार हो जाते हैं। इसी कड़ी में मामला यूपी के गोरखपुर से सामने आया है। जहां एक शख्स फोन पर बेहद आसानी से ठगी का शिकार हो गया। ठग ने शातिराना अंदाज में पहले मोबाइल फोन पर-हेलो! बोलकर कहां कि उन्हें एक मेसेज आएगा कुछ ही देर बाद उसी नंबर से वीडियो कॉल आई। फोन उठाते ही प्रोफाइल फोटो में लड़की की तस्वीर थी। सामने एक महिला बगैर कपड़ो में दिखाई दी। वीडियो कॉल के जरिए रिकोर्डिंग शुरु हो जाती हैं। उसके बाद शख्स को ब्लैकमेल करना शुरु कर देते हैं। फिलहाल, पुलिस मामले की कारवाई करते हुए। आगो की तालाश में जुटी हैं।
लगातार बढ़ रहे साइबर क्राइम के मामले
सेक्सटॉर्शन के मामले इन दिनों शहर में लगातार बढ़ रहे हैं। साइबर थाने में एक महीने में 14 से 15 शिकायतें आती हैं। देश में लगातार ऐसे मामले बढ़ते जा रहे हैं। वहीं साइबर के विशेषज्ञों का कहना है कि इसके लिए लोगों को भी जागरूक होना चाहिए। किसी भी अनजान नंबर और वीडियो कॉल के चक्कर में न पड़ें। और यदि आप साइबार क्राइम का शिकार होते है। तो घबराएं नहीं तुरंत इस बात की सूचना पुलिस को दें।
साइबर अपराधी खोज रहे ठगी के नए-नए तरीके
साइबर क्राइम में सेक्सटॉर्शन ठगी का एक नया तरीका बनकर तेजी से उभरा है। अपराधी लोगों से ठगी के नए-नए तरीके खोज रहे हैं। आज के समय में लोगों में जागरूकता की कमी या फिर शर्मिंदगी के कारण अपराधी पुलिस की गिरफ्त से बाहर रहते हैं। साइबर अपराधी लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनसे ठगी कर लेते हैं। इसके अलावा कुछ मामलों में साइबर अपराधी पॉर्न साइट विजिट करने या सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपनी फोटो पब्लिक रखने वालों की तस्वीरों व वीडियो का दुरुपयोग कर सेक्सटॉर्शन करते हैं। कई बार लोग बदनामी के डर से लोग शिकायत दर्ज नहीं कराते हैं। उनको लगता है कि समाज में उनकी बदनामी होगी। इसीलिए वह पुलिस के पास जाने से कतराते हैं।
उप निरीक्षक ने साइबर क्राइम से संबंध में कहीं अहम बातें
उप निरीक्षक साइबर क्राइम थाना उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस तरह के कॉल राजस्थान के मेवात और भरतपुर, हरियाणा और दिल्ली के दूरदराज के क्षेत्रों में बैठे गिरोह की तरफ से आते हैं। उन्होंने कहा कि वीडियो कॉल में दिखने वाली महिला प्रत्यक्ष रूप से मौजूद नहीं रहती है। बल्कि गिरोह द्वारा अन्य डिवाइस से इस तरह की वीडियो चलाई जाती है। फिर आपका वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस तरह के मामलों में वीडियो कॉल न उठाएं और घबराने के बजाय साइबर थाने में शिकायत करें। ऐसे मामलों की शिकायत पुलिस द्वारा दर्ज न होकर ऑनलाइन साइबर क्राइम की साइट पर दर्ज की जाती हैं।
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