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प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड मामले में जांच जितनी तेज चल रही है। उतान ही ज्यादा बाहुबली माफिया अतीक अहम फंसता जा रहा है। जेल में बंद अतीक को प्रयागराज जिले में अपना वर्चस्व खत्म होने का डर सता रहा था। ऐसे में उमेश पाल को अपने रास्ते से हटाने के लिए अतीक अहमद ने पूरी साजिश को रचा। जांच अधिकारियों की माने तो कुछ ऐसे सबूत सामने आए हैं जो अतीक और उमेश के बीच बढ़ती दुश्मनी को उजागर करने के लिए प्रयाप्त हैं।
अतीक के कई कामों में दखल दे रहा था उमेश
दरअसल प्रयागराज में पुलिस कमिश्नरेट के बनने के बाद 2-3 महीने तक पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच उमेश से काफी मदद मिल रही थी। अतीक के करीबियों को नुकसान पहुंचाकर वह जमीनों के सौदे में दखल देने लगा था। इसकी वजह से उसके खिलाफ भी कई केस दर्ज हो गए थे। उधर गुजरात की साबरमती जेल में बंद अतीक तक भी इसकी सूचना लगातार पहुंच रही थी।
कोलकाता में भी छीपे हैं आरोपी
सूत्र बताते हैं कि अतीक के रिश्ते कोलकाता के बंदरगाह इलाके में कई मुस्लिम गद्दियों पर कब्जा जामाए हुए हैं। अतीक ने गद्दी पर काबिज लोगों के लिए कोलकाता में अपने गुर्गों से कई वारदातों को भी अंजाम दिलवाया। ऐसे में पुलिस यह मानकर चल रही है कि उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के बाद सभी शूटर प्रयागराज के सैदाबाद में ही रुके थे। जो अगली सुबह अलग-अलग जगहों पर भाग निकले। ऐसे में पुलिस को आशंका है कि कुछ शूटर ने कोलकाता में भी इन गद्दी मालिकों के पास शरण ली। लेकिन यह महज संदेह है क्योंकि अभी किसी शूटर के विदेश भागने का कोई प्रमाण नहीं मिला है।
सबकी भूमिका तय थी
वारदाते से पहले सभी शूटरों की भूमिका पूर्व में ही तय हो चुकी थी। जिसकी रिहर्सल भी की गई थी। उमेश पाल और उनके दोनों गनर को किस तरह से बम और गोली से उडाना है इसके बारे में भी तय कर लिया गया था। घटना के दौरान अतीक के बेटे असद को गाड़ी में ही रहना था लेकिन वह अचानक गाड़ी से बाहर निकला और उमेश पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर डाली।
जेल में बोला अतीक, टाइमिंग गलत हो गई
पुलिस को मिली पुख्ता जानकारी के मुताबिक वारदात के बाद अतीक ने जेल में अपने करीबियों से कहा कि, ''मैं कई बार सांसद और विधायक रह चुका हूं। इस बार मुझसे बड़ी गलती हो गई। विधानसभा का सत्र चलने के दौरान ये घटना नहीं करानी चाहिए थी। इसकी टाइमिंग गलत हो गई।''
अतीक को गुजरात से जल्द यूपी लाएगी पुलिस
क्योंकि मामला काफी ज्यादा बड़ चुका है। ऐसे में यूपी पुलिस जल्द से जल्द अतीक को गुजरात से यूपी लाने की तैयारी को तेज कर चुकी है। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर विवेचक भी लगातार अतीक और उसके भाई को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए काम पर लगे हैं। सभी औपचारिकताएं पूरी करके पुलिस कोर्ट से दोनों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर देने का अनुरोध करेगी।
यहां के माफिया निशाने पर
प्रयागराज पुलिस और एसटीएफ शूटरों को पनाह देने वाले बिहार और गोरखपुर के कुछ माफिया पर भी नजर रखे हुए हैं। पुलिस का मानना है कि शूटरों को छिपने और आगे भागने में बिहार और गोरखपुर के कुछ माफिया भी मदद कर सकते हैं। इनके रिश्ते अतीक और गुड्डू मुस्लिम से बताए जा रहे हैं। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि शूटरों की तलाश में 15 से ज्यादा टीमें लगी हैं।
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