विधान परिषद उपचुनाव के नतीजों ने लोकसभा चुनाव के नए सियासी समीकरणों का दिया बड़ा संकेत


उत्तर प्रदेश

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By MADHVI TANWAR Posted on: 30/05/2023

उत्तर प्रदेश में हुए विधान परिषद उपचुनाव के नतीजे आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिहाज से प्रदेश की सियासत के लिए बेहद ही खास साबित होने वाले है। परिषद की 2 सीटों पर उपचुनाव में भाजपा और सपा अपने-अपने गठबंधन को लेकर सफल साबित हो रही हैं। भाजपा को ज्यादातर 6 वोट मिले। पार्टियों ने इंकार कर दिया, तो इसी के साथ सुभासपा व जनसत्तादल के विधायकों ने भाजपा प्रत्याशियों का साथ दिया है। इन नतीजों को लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अब भाजपा और सुभासपा के बीच गठबंधन के नए संकेत दे दिए हैं। बसपा और कांग्रेस ने अपने पत्ते नहीं खोले है। 

ऐसे हुआ जीत का लक्ष्य तय

विधान परिषद चुनाव के दौरान कुल 403 सदस्यों में से 396 ने मताधिकार का प्रयोग किया है। ऐसे में एक वोट रद्द हुआ इस तरह जीत-हार का समीकरण 395 वोटों पर तय हुआ। भाजपा, अपना दल व निषाद पार्टी गठबंधन के पास 274 सदस्य हैं। गठबंधन के शतप्रतिशत मत पड़े। मगर, भाजपा प्रत्याशी पदमसेन चौधरी को 279 और मानवेंद्र सिंह को 280 मत मिले। दरअसल गठबंधन में शामिल लोगों की संख्या 5 से 6 वोट ज्यादा है। दूसरी तरफ सपा व रालोद गठबंधन मे 118 सदस्य शामिल किए गए हैं। इसमें इरफान सोलंकी और रमाकांत यादव जेल में बंद है, तो वहीं मनोज पारस बीमार होने के कारण मतदान करने ही नहीं पहुंचे। लिहाजा सपा गठबंधन के पास 115 विधायकों के वोट मौजूद थे। सपा के रामजतन राजभर को 115 और रामकरन निर्मल को 116 वोट मिले हैं। इस तरह सपा के एक सदस्य को गठबंधन के सभी वोट और एक को एक वोट अतिरिक्त मत मिला।
 


राजा भैया जहां एकला चलो की नीति पर 

 

क्योंकि भाजपा और सपा प्रत्याशियों को मिलने वाले वोट ने ही यह तय कर दिया है कि भाजपा व सपा अपने-अपने गठबंधन के वोट पूरी तरह सहेजने में काफी हद तक सफल रहे। दूसरी तरफ पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा और पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पार्टी जनसत्तादल लोकतांत्रिक के सदस्यों का समर्थन भाजपा को मिला है। जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 2 विधायक हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों ही वोट भाजपा को मिले हैं। राजा भैया जहां एकला चलो की नीति पर है तो वहीं सुभासपा की रणनीति थोड़ा अलग है। सुभासपा के सदन में 6 सदस्य शामिल हैं। इसमें 1 विधायक अब्बास अंसारी फिलहाल जेल में बंद है। 5 विधायकों ने अपना वोट डाला। विश्लेषकों का मानना है कि 5 विधायकों में से 4 ने भाजपा के दोनों प्रत्याशियों को अपना समर्थन दिया है।
 

इनका मिला भाजपा को समर्थन 

 

किसी ने अपना वोट भाजपा तो किसी ने अपना वोट सपा को दिया। इसी का नतीजा यह निकला की भाजपा प्रत्याशी मानवेंद्र को 280 और पदमसेन को 279 वोट व सपा प्रत्याशी रामजतन को 115 तो रामकरन को 116 वोट मिले है। पिछले विधानसभा चुनाव में सपा और सुभासपा ने गठबंधन कर चुनाव लड़े थे। गठबंधन में सपा से जुड़े 2 लोग सुभासपा के सिंबल पर चुनाव में जीत हासिल कर चुके थे। यह दोनों ही वोट सपा के पक्ष में पहले से माने जा रहे थे। 2 में से केवल 1 सदस्य ही मतदान में शामिल रहे। सपा के एक सपा के प्रत्याक्षी को वोट कर अपने मूल दल के प्रति अपनी निष्ठा जताई और दूसरा वोट पार्टी लाइन पर चलकर भाजपा प्रत्याशी को दिया। सुभासपा के कदम को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के साथ गठबंधन की संभावनाओं के लिहाज से बहुत अहम माना जा रहा है।

 

क्रास वोटिंग की आशंका नहीं

 

उप चुनाव में 2 कारणों से क्रॉस वोटिंग की अब कोई आशंका नहीं थी। पहला, सत्ताधारी दल के पक्ष में 403 में से 274 वोट का बड़ा समर्थन था। दूसरा, अभी विधानसभा चुनाव आने वाले है और सदस्यों का लंबा कार्यकाल अभी बाकी है। लिहाजा जोड़तोड़ की ज्यादा गुंजाइश ऐसे में दिखाई नहीं दे रही। 

रणनीति में सफल रही सपा

विधान परिषद उपचुनाव में वोट गणित पक्ष में न होने के कारण सपा प्रत्याशियों की चौकाने वाली नहीं रही। लिहाजा चुनाव के जरिए सपा ने अपने पिछड़े-दलित समीकरण की बिसात पिछले 15 दिन से भाजपा का घेराव करने में किसी तरह की कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। यही नहीं लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा को 1 हफ्ते से परिषद चुनाव की दुविधा में भी उलझा दिया।

कांग्रेस और बसपा ने भाजपा-सपा से बनाई समान दूरी

लोकसभा चुनाव को हार का स्वाद चखाने के लिए कई विपक्षी दल एक साथ होकर महागठबंधन बनाने की तैयारी में जुटे हैं। प्रदेश में फिलहाल ऐसी तस्वीर नजर नहीं आ रही है। विधान परिषद उप चुनाव में विपक्षी दल कांग्रेस और बसपा मतदान में शामिल नहीं हुए। इन दलों ने सपा और भाजपा से समान दूरी का संकेत देने का प्रयास किया। जानकारों का मानना है कि दोनों दल यूपी में आगे किसी गठबंधन का हिस्सा बनने को लेकर फिलहाल दुविधा की स्थिति में नजर आ रहे हैं।

यहां देखें किसके पास कितना गठबंधन

भाजपा गठबंधन के विधायक - 274 (भाजपा 255, अपना दल एस 13 और निषाद पार्टी 6)
सपा गठबंधन - 118 (सपा के 109 और रालोद के 9 विधायक)
सुभासपा - 6
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक - 2
कांग्रेस - 2
बसपा - 1

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