Uttarakhand

उत्तराखंड के पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर कालू सिंह मेहरा की प्रतिमा में पूर्व सीएम हरीश रावत ने माल्यार्पण कर उन्हें याद किया

उत्तराखंड के पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर कालू सिंह मेहरा की प्रतिमा में पूर्व सीएम हरीश रावत ने माल्यार्पण कर उन्हें याद किया I

पूर्व सीएम हरीश रावत ने उत्तराखंड वह काली कुमाऊं क्षेत्र के पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर कालू सिंह मेहरा की प्रतिमा में माल्यार्पण किया तथा देश की आजादी के लिए उनके द्वारा दिए गए योगदान को याद किया मालूम हो वीर कालू सिंह मेहरा ने अपने साथियों के साथ अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति में अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे लोहाघाट के बिशुग क्षेत्र के थूवा मेहरा गांव के रहने वाले कालू सिंह मेहरा के खौफ से अंग्रेज थरथर कापा करते थे उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर अंग्रेजों से कई लड़ाइयां लड़ी तथा काली कुमाऊं क्षेत्र से अंग्रेजों के पैर उखाड़ दिए थे देश के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले इस वीर को क्षेत्र व देश हमेशा याद रखेगा विडंबना यह है कि सरकार ने जहां वीर कालू सिंह मेहरा के नाम पर डाक टिकट जारी किया है तथा उनकी प्रतिमा भी लगवाई है लेकिन उन्हें दस्तावेजों के अभाव में सरकारी तौर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं माना गया है जिस कारण  उनके वंशजों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिजनो को मिलने वाली सुविधाएं आज तक नहीं मिल पाई जानकारी के मुताबिक अंग्रेजो के द्वारा गांव में कालू सिंह मेहरा के मकान में आग लगा दी गई थी जिससे उनके सभी दस्तावेज जल गए थे दस्तावेज ना होने के कारण आज तक सरकार ने वीर कालू सिंह मेहरा को सरकारी तौर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं माना जबकि उत्तराखंड के पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के तौर पर उनका नाम आता है उनके प्रपोत्र विजय सिंह मेहरा के द्वारा अपने दादा वीर कालू सिंह मेहरा को सरकारी तौर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी घोषित करने की कई कोशिशें करी गई लेकिन दस्तावेजों के अभाव में सरकार के द्वारा उन्हें सरकारी तौर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आज तक नहीं माना गया है वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की पहचान पेंशन से नहीं होती है कालू सिंह मेहरा देशभक्त थे और देशभक्त रहेंगे  इस मौके पर उनके साथ नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, वीर कालू सिंह मेहरा के प्रपोत्र विजय सिंह मेहरा, बल्लू मेहरा, शैलेंद्र राय आदि मौजूद रहे

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