देहरादून से एक प्रेरणादायक और भावनात्मक खबर सामने आई है, जहाँ राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctors' Day) के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने एक विशेष कार्यक्रम में डॉक्टरों को "मानवता के सच्चे रक्षक" की संज्ञा दी। यह कार्यक्रम 1 जुलाई को आयोजित किया गया था, जिसे भारत भर में उन डॉक्टरों के सम्मान में मनाया जाता है, जो दिन-रात मानव जीवन की रक्षा में जुटे रहते हैं।
मुख्य सचिव ने अपने संबोधन में कहा कि यह दिन केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह डॉक्टरों की निस्वार्थ सेवा, समर्पण और संघर्ष को याद करने और उन्हें दिल से सम्मान देने का दिन है। उन्होंने बताया कि चाहे वो महामारी का समय हो, आपदा की स्थिति या सामान्य दिनचर्या – डॉक्टर हर परिस्थिति में लोगों की जान बचाने में लगे रहते हैं, और इसके लिए समाज हमेशा उनका ऋणी रहेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टर न केवल चिकित्सा करते हैं, बल्कि कई बार उम्मीद, विश्वास और साहस भी देते हैं, जो एक मरीज के लिए दवा से कम नहीं होता। ऐसे में डॉक्टरों की भूमिका को केवल पेशे के रूप में नहीं, बल्कि एक महान सेवा के रूप में देखा जाना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान राज्य भर से आए वरिष्ठ और युवा चिकित्सकों को भी सम्मानित किया गया। सरकारी व निजी अस्पतालों के डॉक्टरों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए प्रशस्ति पत्र दिए गए।
मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता भी दोहराई और कहा कि भविष्य में चिकित्सा सुविधाओं को तकनीकी और मानव संसाधनों के ज़रिए और मजबूत किया जाएगा।
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, डॉक्टरों की विभिन्न एसोसिएशन के प्रतिनिधि, मेडिकल कॉलेजों के डीन और सैकड़ों चिकित्सा कर्मी उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस का यह आयोजन सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि एक सच्ची श्रद्धांजलि है उन सभी डॉक्टरों के लिए जो हर परिस्थिति में मानवता की सेवा में लगे हैं।
For more information, visit: https://youtu.be/AcWpiZGxOeA
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