Uttarakhand
उत्तराखंड में नई सराकरी नियमावली के कारण समाज कल्याण विभाग उनके शासनादेश के आधार पर अगले दो वर्षों के लिए संबद्धता प्रमाण पत्र की तलाश कर रहा है। लेकिन रसीद न होने के कारण उनके आवेदनों को खारिज कर दिया गया है। एक नए सरकारी नियम के कारण राज्य के कॉलेजों में पढ़ने वाले हजारों छात्रों के छात्रवृत्ति आवेदन रद्द कर दिए गए हैं। सरकार जो प्रमाण पत्र मांग रही है वह राजभवन से नागरिकता का प्रमाण पत्र है।
20 मार्च तक निर्णय नहीं होता तो छात्र खो देंगे अपना वजीफा
विश्वविद्यालय सरकार के फैसले का इंतजार कर रहा है, इससे पहले कि वह यह तय कर सके कि छात्रों को स्टाइपेंड देना है या नहीं। यदि 20 मार्च तक निर्णय नहीं लिया गया तो छात्र अपना वजीफा खो देंगे। 13 मार्च, 2019 को समाज कल्याण के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव डॉ रणबीर सिंह ने एक आदेश जारी कर कॉलेजों को छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले छात्रों को संबद्धता का प्रमाण पत्र प्रदान करने की आवश्यकता बताई। समाज कल्याण विभाग सरकार से शासनादेश के आधार पर 2022-23 तक संबद्धता प्रमाण पत्र मांग रहा है। यदि आपके पास प्रमाण पत्र नहीं है, तो आपका आवेदन अस्वीकार कर दिया गया है।
कई कॉलेज में छात्र महसूस कर रहे हैं परेशानी
विश्वविद्यालय के दो परिसर और बहुत सारे संबद्ध कॉलेज हैं। बहुत सारे छात्रों ने विश्वविद्यालय में आवेदन किया है, लेकिन उनमें से बहुत से खारिज कर दिए गए हैं क्योंकि उनके पास सही कागजी कार्रवाई नहीं है। उच्च शिक्षा विभाग के चंद्रदत्त सुन्था का कहना है कि किसी छात्र को अपने कॉलेज या विश्वविद्यालय से कुछ परेशानी हो सकती है। यह ऐसा कुछ नहीं है जिसमें उच्च शिक्षा विभाग मदद कर सके। हम किसी को सिर्फ छात्रवृत्ति नहीं दे सकते, भले ही उसके पास संबद्धता प्रमाणपत्र न हो। लेकिन अगर हम नियमों के इर्द-गिर्द काम करना चाहते हैं तो हम क्या कर सकते हैं?