valley of flowers
उत्तराखंड में हर साल छुट्टियों के दिनों में पर्यटकों की काफी भीड़ देखने को मिलती है, तो यह प्रदेश विशेष प्राकृतिक स्थल माना जाता है जोकि अप्रैल से जून तक सुविधाजनक होता है। यह सुंदर घाटी हिमालयी श्रृंग क्षेत्र में स्थित है और विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है। वैली ऑफ़ फ्लावर्स को पहली बार 1931 में फ़्रांक स्मिथ नामक ब्रिटिश माउंटेनियरिंग एक्सपेडीशन द्वारा खोजा गया था। यहां अलग-अलग प्रकार के फूल, पौधों और जीव-जंतुओं की अद्वितीय विविधता देखने को मिलती है।
विश्व धरोहर फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए खुली
आज से विश्व धरोहर फूलों की घाटी को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है, 1 जून से लेकर अक्टूबर तक इसे पर्यटकों के लिए खोला जाता है। घाटी के पैदल रास्ते पर दो जगह पर भारी हिमखंड है। पर्यटकों को हिमखंडों के बीच से ही होकर गुजरना पड़ता है। 87.50 वर्ग किमी में फैली फूलों की घाटी हर साल पर्यटकों के लिए 1जून से खोल दी जाती है और 31 अक्तूबर को बंद कर दी जाती है।
देश-विदेश से अनेक पर्यटकों की मौजूदगी
प्रदेश में देश-विदेश से अनेक पर्यटक घाटी की प्रकृतिक सुंदरता और करीब 600 प्रजाति के फूलों का दीदार करते हैं। यहां मुख्य रूप से ब्रह्मकमल, फेनकमल, ब्लूपॉपी, मारीसियस, मैरीगोल्ड, गोल्डन रॉड, जैस्मिन, रोवन, हेलमेट प्लावर, गोल्डन लीली सहित कई फूल देखने को मिलते है
कई अन्य प्रजाति देखने को मिलती है
इसके साथ ही यहां दुलर्भ प्रजाति के वन्य जीव हिम तेंदुआ, हिमालयन काला भालू, मोनाल, जंगली बिल्ली, कस्तूरी मृग भी फूलों की घाटी में देखने को मिलते है। नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ बीबी मारतोलिया ने जानकारी देते हुए कहा कि घाटी 1 जून से पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी।