बकरीद, जिसे ईद-उल-अजहा के नाम से भी जाना जाता है, मुसलमानों का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जिसमें जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। लेकिन इस साल दुनिया के एक प्रमुख मुस्लिम देश में बकरीद से पहले कुर्बानी पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। यह निर्णय सीधे तौर पर वहां के शासक यानी राजा की ओर से आया है, जिसे लेकर पूरे देश में भारी विवाद और जनता के बीच आक्रोश देखने को मिल रहा है।
सरकार की सख्ती इतनी अधिक हो गई है कि पुलिस और प्रशासनिक टीमें घर-घर जाकर छापेमारी कर रही हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी व्यक्ति बकरीद के दिन कुर्बानी न दे सके। कई स्थानों पर बकरों को जब्त किया गया है और लोगों को चेतावनी दी गई है कि अगर किसी ने आदेश का उल्लंघन किया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस फैसले ने पूरे देश में धार्मिक भावनाओं को आहत किया है, खासकर उन मुसलमानों को जो हर साल इस त्यौहार को धार्मिक श्रद्धा के साथ मनाते आए हैं। धार्मिक संगठनों ने इसे धर्म में हस्तक्षेप बताया है और जगह-जगह विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं। सोशल मीडिया पर भी इस विषय पर जमकर बहस हो रही है और लोग सरकार के इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं।
वहीं, सरकार का तर्क है कि यह फैसला पर्यावरण संरक्षण, जनस्वास्थ्य, और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए लिया गया है। लेकिन कई लोगों का मानना है कि यह धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा प्रहार है और इससे सामाजिक तनाव भी बढ़ सकता है।
क्या यह फैसला स्थायी रहेगा? क्या सरकार इसे वापस लेगी? क्या यह अंतरराष्ट्रीय मुस्लिम समुदाय में असंतोष पैदा करेगा?
जानिए इस गंभीर और संवेदनशील मुद्दे की पूरी जानकारी इस वीडियो में।
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