Delhi

दिल्ली में 15 साल पुराने वाहनों पर रोक, लेकिन जुगाड़बाजों ने निकाला फर्जी तरीका!

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के उद्देश्य से एक बड़ा कदम उठाते हुए राजधानी में 15 साल पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। यह फैसला दिल्ली की खराब होती वायु गुणवत्ता को देखते हुए लिया गया है, ताकि सड़कों से प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को हटाया जा सके। लेकिन जैसे ही यह आदेश सख्ती से लागू हुआ, जुगाड़बाज़ी का खेल भी शुरू हो गया है।

शहर में अब ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहाँ वाहन मालिक पुराने वाहनों को नियमों से बचाकर चलाने के लिए फर्जी नंबर प्लेट, नकली फिटनेस सर्टिफिकेट, और यहां तक कि बोगस इलेक्ट्रिक कन्वर्जन के दस्तावेज़ तक तैयार करा रहे हैं। कुछ गैरेजों और दलालों के जरिए इन दस्तावेजों को बनवाया जा रहा है और वाहन मालिकों को भरोसा दिया जा रहा है कि उनका वाहन अब वैध है और रोक के दायरे में नहीं आता।

यह न सिर्फ दिल्ली सरकार की नीति को कमजोर कर रहा है, बल्कि सड़कों पर अवैध और तकनीकी रूप से असुरक्षित वाहनों की संख्या भी बढ़ा रहा है, जिससे जनता की सुरक्षा और पर्यावरण दोनों को खतरा हो रहा है। प्रशासन की सख्ती के बावजूद ये फर्जीवाड़ा लगातार जारी है, और कई जगहों पर RTO व ट्रैफिक पुलिस की मिलीभगत की भी आशंका जताई जा रही है।

इन मामलों के उजागर होने के बाद अब दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग सतर्क हो गया है। जाँच अभियान तेज़ कर दिए गए हैं और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चलने वाले वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है। लेकिन सवाल यह है कि क्या सरकार की यह मुहिम सिर्फ कागज़ों तक ही सीमित रह जाएगी, या फिर जमीनी स्तर पर बदलाव आ पाएगा?

इस वीडियो में हम आपको दिखाएंगे कि कैसे कुछ लोग नियमों को तोड़कर न केवल पर्यावरण के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, बल्कि सिस्टम को भी धोखा दे रहे हैं। साथ ही जानिए प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं और आप कैसे इस तरह के जालसाज़ी से सतर्क रह सकते हैं।

For more information, visit: https://youtu.be/-GzzBsjChAM

0 - Comments

Leave a comment