गर्मी की लंबी छुट्टियों के बाद एक बार फिर स्कूलों में चहल-पहल लौटने जा रही है। 1 जुलाई से राज्यभर में स्कूलों का पुनः संचालन शुरू हो रहा है और इसी के साथ सरकार द्वारा ‘स्कूल चलो अभियान’ का दूसरा चरण भी प्रारंभ किया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उन बच्चों को स्कूल की मुख्यधारा में लाना है, जो किसी कारणवश अब तक शिक्षा से वंचित रह गए हैं या जिन्होंने नामांकन नहीं कराया है।
राज्य सरकार की इस पहल के अंतर्गत शिक्षकों, अभिभावकों, सामाजिक संगठनों और प्रशासनिक अधिकारियों की सामूहिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर बच्चा विद्यालय पहुंचे और किसी भी बच्चे की शिक्षा अधूरी न रह जाए। 'स्कूल चलो अभियान' केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह एक सामाजिक जागरूकता का प्रयास है, जो शिक्षा को जन आंदोलन में बदलने का माद्दा रखता है।
इस अभियान के दौरान शिक्षकों की जिम्मेदारी सिर्फ कक्षा शिक्षण तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि वे घर-घर जाकर बच्चों और उनके अभिभावकों से संवाद करेंगे, उन्हें शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करेंगे और बच्चों को स्कूल में नामांकन के लिए प्रेरित करेंगे। साथ ही स्थानीय निकाय और ग्राम पंचायतों को भी इसमें सक्रिय भूमिका दी जा रही है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि शिक्षा तक पहुंच एक अधिकार नहीं बल्कि एक वास्तविकता बने।
इस प्रयास से राज्य सरकार का उद्देश्य केवल नामांकन बढ़ाना नहीं है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता, बालिकाओं की भागीदारी और स्कूलों में आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता को भी सुनिश्चित करना है। यह अभियान बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में एक बड़ा और सराहनीय कदम है, जो समाज के हर वर्ग को जोड़ने और प्रेरित करने की क्षमता रखता है।
इस वीडियो में देखिए कैसे स्कूलों की फिर से शुरुआत हो रही है, 'स्कूल चलो अभियान' के दूसरे चरण में क्या नए प्रयास किए जा रहे हैं और कैसे शिक्षक, अभिभावक और प्रशासन मिलकर हर बच्चे तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं।
For more information, visit: https://youtu.be/b4IbaiNKdS4
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