MadhyaPradesh

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जल स्रोतों के प्रदूषण नियंत्रण पर कार्यशाला का उद्घाटन किया

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में जल स्रोतों के प्रदूषण नियंत्रण पर आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य जल संरक्षण, जल प्रदूषण नियंत्रण और स्वच्छता अभियान को प्रभावी तरीके से लागू करना है। जल स्रोतों की सफाई और संरक्षण के बिना सतत विकास की कल्पना भी असंभव है, इसलिए यह पहल राज्य सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस अवसर पर जल संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए बताया कि जल संसाधनों की रक्षा के लिए व्यापक योजनाएं बनाई जा रही हैं, जिनका लक्ष्य नदियों, तालाबों, झीलों और अन्य जल स्रोतों को प्रदूषण मुक्त करना है।

कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अधिकारी, पर्यावरण विशेषज्ञ और स्थानीय समुदाय के प्रतिनिधि भी मौजूद थे, जिन्होंने जल प्रदूषण को कम करने के लिए रणनीतियों और तकनीकों पर चर्चा की। इस पहल से न केवल पर्यावरण सुरक्षित होगा, बल्कि जनता की स्वास्थ्य स्थिति में भी सुधार आएगा। मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से जल संरक्षण में सहयोग करने और स्वच्छता अभियानों में सक्रिय भागीदारी लेने की अपील की।

यह कार्यशाला जल संरक्षण के महत्व को समझाने और जल स्रोतों के प्रदूषण को रोकने के लिए जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम है। जल प्रदूषण पर नियंत्रण के बिना न तो कृषि में सुधार संभव है और न ही जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि। इसलिए, यह अभियान राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए भी आवश्यक है।


इस कार्यशाला के माध्यम से जल संरक्षण के लिए नई नीतियां और तकनीकें अपनाई जाएंगी, जो आने वाले वर्षों में राज्य के जल स्रोतों की रक्षा सुनिश्चित करेंगी। यह कदम सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

For more information, visit: https://youtu.be/CeeKYRN23qY

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