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गोमती नदी सफाई पर बड़ा खुलासा, 7 दिन में मांगी गई पूरी रिपोर्ट

लखनऊ की जीवनरेखा कही जाने वाली गोमती नदी की सफाई को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है, जिसने न केवल प्रशासनिक तंत्र को हिला दिया है बल्कि जनता के बीच भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सीम कार्यालय ने गोमती सफाई परियोजना में हुई अनियमितताओं की गंभीरता को देखते हुए चौकटले की जांच रिपोर्ट को तलब किया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि नदी की सफाई के लिए 20 नावों और 50 नाविकों को तैनात किया गया था, लेकिन अब इन आंकड़ों की सत्यता पर संदेह जताया जा रहा है।

प्रशासन ने इस मामले की तह तक जाने का निर्णय लिया है और संबंधित अधिकारियों को 7 दिन के भीतर पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। जांच का फोकस इस बात पर है कि क्या जिन नावों और नाविकों का ज़िक्र किया गया है, वे वास्तव में काम पर मौजूद थे या केवल कागज़ों पर ही इनका नाम दिखाया गया। अगर ये आरोप सही साबित होते हैं, तो यह सीधे तौर पर एक बड़े घोटाले की ओर इशारा करता है।

गौरतलब है कि गोमती सफाई परियोजना वर्षों से विवादों और संदेहों के घेरे में रही है। करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद नदी की स्थिति में सुधार नगण्य दिखाई देता है। ऐसे में इस नए खुलासे ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सफाई के नाम पर केवल दिखावा किया जा रहा था और कहीं न कहीं इसमें भ्रष्टाचार की बू तो नहीं है?

सीम कार्यालय द्वारा मांगी गई यह रिपोर्ट अब इस पूरे मामले की सच्चाई को सामने लाने में निर्णायक साबित हो सकती है। यदि जांच में अनियमितता या फर्जीवाड़ा सामने आता है, तो संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। साथ ही, यह मामला राज्य सरकार के उस स्वच्छता अभियान की साख पर भी सवाल खड़ा करता है, जिसे बड़े पैमाने पर प्रचारित किया जा रहा था।

अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अगले सात दिनों में जांच से क्या सच्चाई सामने आती है और क्या गोमती नदी की सफाई केवल एक दिखावटी योजना थी या वास्तव में इसे पारदर्शिता के साथ अंजाम दिया गया।

इस पूरे प्रकरण की और गहराई से जानकारी के लिए देखिए हमारी रिपोर्ट।

For more information, visit: https://youtu.be/Lu87e49i6p0

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