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ज्येष्ठ दशहरा पर गंगा स्नान शुरू: आस्था और आत्मशुद्धि का महापर्व

ज्येष्ठ दशहरा के शुभ अवसर पर देशभर के श्रद्धालुओं में गंगा स्नान को लेकर भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। जैसे ही शुभ मुहूर्त शुरू हुआ, हरिद्वार, प्रयागराज, वाराणसी, ऋषिकेश, काशी और गंगोत्री सहित कई पवित्र स्थलों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा के पावन जल में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे।
इस पुण्य स्नान को केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना और आत्मशुद्धि का माध्यम माना जाता है। मान्यता है कि ज्येष्ठ दशहरा पर गंगा में स्नान करने से पापों का नाश, कर्मों की शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि देश के कोने-कोने से लोग इस दिन गंगा तट पर एकत्र होते हैं।
गंगा स्नान का यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था, बल्कि भारतीय संस्कृति की एकता और विविधता को भी दर्शाता है। हर उम्र के लोग, पुरुष, महिलाएं, साधु-संत, और पर्यटक — सभी इस महा अवसर का हिस्सा बनते हैं। प्रशासन द्वारा सुरक्षा, सफाई और यातायात के लिए विशेष इंतज़ाम किए गए हैं ताकि यह आयोजन शांतिपूर्वक और व्यवस्थित रूप से संपन्न हो।

इस वीडियो में देखें:

ज्येष्ठ दशहरा स्नान की मनमोहक झलकियां
श्रद्धालुओं की भीड़ और उत्साह
गंगा स्नान के पीछे की धार्मिक मान्यताएं
हरिद्वार और वाराणसी से ग्राउंड रिपोर्ट

आइए, इस पावन दिन पर हम सब गंगा माँ के चरणों में अपना श्रद्धा-सुमन अर्पित करें और अपने जीवन में स्वच्छता, सेवा और संस्कार को अपनाएं।

For more information, visit: https://youtu.be/XjirlO7upK4

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