आगरा में यमुना नदी का जलस्तर बढ़कर खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है। 45 साल बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि बाढ़ का पानी ताजमहल के पीछे तक फैल गया। शमशान घाट और दशहरा घाट पूरी तरह से डूब चुके हैं, जिससे स्थानीय लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
प्रशासन ने आपात स्थिति को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया है और राहत-बचाव कार्य तेज़ कर दिए हैं। एनडीआरएफ और स्थानीय बचाव दल हर समय नदी किनारे तैयार हैं। प्रभावित इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 24 से 48 घंटों में यमुना में और बढ़ोतरी हो सकती है। आगरा के नागरिकों से अपील की गई है कि वे जलस्तर बढ़ने वाले क्षेत्रों से दूर रहें और प्रशासन की हिदायतों का पालन करें।
यह बाढ़ सिर्फ आगरा के निवासियों के लिए नहीं बल्कि ताजमहल जैसी ऐतिहासिक धरोहर के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर रही है। आगरा प्रशासन लगातार स्थिति पर निगरानी रखे हुए है और राहत कार्यों को युद्धस्तर पर जारी रखा गया है।
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