उत्तराखंड में हाल ही में हुई भारी बारिश ने कई जिलों में जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। खासकर रुद्रप्रयाग, चमोली और अन्य पहाड़ी इलाकों में जलभराव और भूस्खलन की घटनाओं ने स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत आपात बैठक बुलाई और अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाए। बैठक में राहत और बचाव दलों को सक्रिय रखा गया और प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी के लिए ड्रोन और अन्य तकनीकी साधनों का उपयोग करने का निर्णय लिया गया।
प्रशासन ने जनता से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि किसी भी आपात स्थिति में 112 नंबर पर संपर्क किया जा सकता है। वहीं, एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस राहत कार्यों में लगातार जुटी हुई हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि प्रभावित लोगों को तत्काल भोजन, पानी और आश्रय उपलब्ध कराया जाए।
विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में बारिश के दौरान तेज़ राहत कार्य और प्रभावी प्रशासन ही जान-माल की हानि को कम कर सकता है। सरकार ने राहत कार्यों को तेज़ करने के साथ-साथ भविष्य में ऐसी घटनाओं के लिए सतत योजना बनाने पर भी जोर दिया है।
इस आपदा ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि प्रशासन किस हद तक पहाड़ी इलाकों में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए तैयार है।
For more information, visit: https://youtu.be/ltRVETTtcig
0 - Comments