उत्तराखंड में मानसून ने इस बार भी विकराल रूप धारण कर लिया है। पर्वतीय इलाकों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। इसी बीच एक भयानक हादसा सोनप्रयाग स्लाइड ज़ोन में सामने आया, जहाँ केदारनाथ धाम से लौट रहे लगभग 40 यात्री अचानक गिरे भारी मलबे में फंस गए।
यह हादसा तब हुआ जब श्रद्धालु पैदल मार्ग से नीचे लौट रहे थे और अचानक बारिश के चलते पहाड़ का एक हिस्सा टूटकर रास्ते पर गिर गया। घंटालू क्षेत्र में मलबा इतनी तेजी से आया कि यात्रियों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। स्थिति मिनटों में गंभीर हो गई और चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई।
हालात को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत SDRF (State Disaster Response Force) को मौके पर रवाना किया। SDRF की टीम ने बिना समय गंवाए, जान की परवाह किए बगैर, बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। फिसलन भरी चट्टानों, तेज बारिश और लगातार गिरते मलबे के बीच SDRF के जवानों ने 40 यात्रियों को एक-एक कर सुरक्षित बाहर निकाला।
यह ऑपरेशन सिर्फ एक रेस्क्यू मिशन नहीं था, बल्कि साहस, समर्पण और मानवता की एक मिसाल था। SDRF की इस कार्यशैली की चारों ओर प्रशंसा हो रही है।
वहीं, प्रशासन की ओर से भी अब यात्रा मार्गों पर ड्रोन निगरानी, CCTV कैमरे, सड़क सुरक्षा दल, और मौसम पूर्वानुमान तंत्र को और अधिक सक्रिय करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को समय रहते टाला जा सके।
श्रद्धालुओं को भी सलाह दी गई है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लें और बारिश के दौरान यात्रा से बचें।
इस घटना से एक बात तो साफ है — उत्तराखंड जैसे संवेदनशील इलाकों में यात्रा के दौरान सतर्कता और सुरक्षा दोनों ही अत्यंत आवश्यक हैं। SDRF की तत्परता और बहादुरी ने एक बड़े हादसे को टाल दिया और कई जिंदगियाँ बचा लीं।
For more information, visit: https://youtu.be/3W6jOkKF20w
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