उत्तराखंड में मानसून की भारी बारिश ने एक बार फिर से प्रदेश को संकट की स्थिति में ला खड़ा किया है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण राज्य के कई हिस्सों में जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। पहाड़ी जिलों में लैंडस्लाइड (भूस्खलन) और फ्लैश फ्लड (अचानक आई बाढ़) ने तबाही मचा दी है।
कई इलाकों में सड़कें टूट चुकी हैं, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है। कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालयों से टूट गया है। वहीं कुछ स्थानों पर नदी-नालों के उफान पर आने से घरों के बह जाने की दुखद खबरें भी सामने आई हैं।
राज्यभर में PWD (लोक निर्माण विभाग) ने भूस्खलन की आशंका वाले इलाकों को चिन्हित कर लिया है और वहां सतर्कता बढ़ा दी गई है। कई जगहों पर भूस्खलन से सड़कें मलबे में दब गई हैं, जिससे राहत और बचाव दलों को भी मौके पर पहुंचने में मुश्किलें आ रही हैं।
प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी कर दिया गया है और SDRF, NDRF समेत तमाम राहत एजेंसियाँ सक्रिय हो गई हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
देवभूमि उत्तराखंड इस समय एक जल प्रलय से जूझ रही है, जहाँ प्रकृति का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। लोग अपने घरों में दुबके हुए हैं, भय और अनिश्चितता के माहौल में जी रहे हैं।
इस वीडियो में देखिए कैसे प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हालात बिगड़ चुके हैं, कैसे बचाव कार्य चल रहा है, और प्रशासन किन चुनौतियों से जूझ रहा है। साथ ही जानिए वो संवेदनशील इलाके जहाँ खतरा अब भी बना हुआ है।
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